Class 6 History Chapter 1 in Hindi

यदि आप class 6 history chapter 1 in hindi(प्रारंभ‍िक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे?) से संबंधित नोट्स व अन्य अध्ययन सामग्री को पढ़ना चाहते है तो आपको इस लेख में इस विषय से संबंधित बहुत अच्छी जानकारी मिलेगी|

इतिहास को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जाता है प्रथम प्राचीन इसके बाद मध्यकालीन व इसके बाद का समय आधुनिक काल के रूप में जाना जाता है|

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हमारे द्वारा इस लेख में ncert class 6 history chapter 1 in hindi notes को इस प्रकार उपलब्ध कराया गया है कि आपको संक्षिप्त में पूरी जानकारी मिल भी जाए और कोई महत्वपूर्ण विषय छूटे भी नही| 

इसके अलावा हम अपने लेखों को समय- समय पर अद्यतन(update) भी करते रहेंगे ताकि आपको अच्छी से अच्छी जानकारियां उपलब्ध करवा सके।

Subjectइतिहास 
Class 6
Book Nameहमारे अतीत -1
Total Chapters10
Chapterअध्याय- 1
Chapter Nameक्या,कब,कहां और कैसे
Languageहिंदी 

कक्षा 6 इतिहास अध्याय 1 pdf

आप इस अध्याय में क्या सीखेंगे:

•इतिहास क्या है

•इतिहास के स्रोत

•लोग कहा रहते थे

•भारत का नाम कैसे पड़ा

•तारीखों के मतलब क्या हैं

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विषयवस्तु:-

1. प्रारंभ‍िक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे?

2. आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक

3. आरंभिक नगर

4. क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें

5. राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य

6. नए प्रश्‍न नए विचार

7. राज्‍य से साम्राज्‍य

8. गाँव, शहर और व्‍यापार

9. नए साम्राज्य और राज्य

10. इमारतें, चित्र तथा किताबें

NCERT History Class 6 इस पुस्तक में मुख्य रूप से प्राचीन भारतीय इतिहास के बारे में संक्षेप रूप मे बताया गया है| इसमें प्राचीन भारतीय इतिहास की एक भूमिका को उजागर करने का प्रयास किया गया है| इस पुस्तक में कुल बारह अध्याय है और हमारे द्वारा सभी पाठ के लिए नोट्स तैयार किये गए है।

पिछले अध्याय के बारे में :ये अध्याय history class 6 का पहला पहला अध्याय है जिसमे प्राचीन भारत व इतिहास की एक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है इसमें प्राचीन भारत का परिचय दिया गया है।

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Class 6 History Chapter 1 in Hindi Name

प्रारंभ‍िक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे?

अध्याय 1

प्रस्तावना

इस अध्याय में प्राचीन भारत व इतिहास की एक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है इसमें प्राचीन भारत का परिचय दिया गया है। इसमें कुछ ऐसे शब्दो का भी प्रयोग किया गया है जो इतिहास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

Class 6 History Chapter 1 in Hindi Notes

(एनसीईआरटी कक्षा 6 इतिहास अध्याय 1 नोट्स)

हम अतीत के बारे में कैसे जान सकते हैं?

अतीत के बारे में जानने के लिए वर्तमान समय में हमारे पास बहुत से साधन उपलब्ध है इनमे से कुछ के है पुरातात्विक वस्तु, कार्बन डेटिंग विधि तथा इतिहास लिखी पुस्तके इत्यादि| इतिहास के बारे में जानने से हम निम्नलिखित जानकारियों को प्राप्त कर सकते है जैसी लोग कहा रहते थे, किस तरह अपना जीवन यापन करते थे, उनकी दिनचर्या कैसे थी वे कैसे वस्त्र पहनते इत्यादि। इसकी मदद से हम उस समय के समाज के विभिन्न तबकों(शिकारी,पशुपालक,शासक,शिल्पकार, पुरोहित इतियादी के  बारे में भी जानकारियां प्राप्त कर सकते है|

इतिहास का महत्व:

इतिहास मानव के बीते हुए  समय का अध्ययन है जिसको पढ़कर हम उनके बारे में समझ सकते है तथा वर्तमान या भविष्य में इन गलतियों को करने से बच सकते है जो की तत्कालीन समय में उनके द्वारा की गई थी|

हम इतिहास क्यों पढ़ें?

इतिहास पढ़ने से हम उस समय के राजा,महाराजा एवम आम समाज के बारे में जानकारियां  प्राप्त कर सकते है| जिससे हम उनके जीवन शैली का भी पता लगा सकते है कि वो कैसे रहते थे, कैसे वस्त्र पहनते थे क्या खाते-पीते थे किस प्रकार से अपना जीवन यापन करते थे|

सभ्यता के आरम्भ में लोग कहाँ रहते थे?

सभ्यता के शुरुआत से लोग गुफाओं तथा नदी के किनारे रहने लगे | वे लोग प्राय समूह में रहते थे ताकि विपरीत समय में एक दूसरे की सहायता कर सके| 

कई लाख वर्ष पहले लोग नर्मदा नदी के तट पर रहा करते थे यहां रहने वाले लोगो में कुछ लोग परिपक्व शिकारी संग्राहक थे जो की यहां के प्राकृतिक संसाधनों (फल, जड़  तथा जंगल के अन्य उत्पादों का संग्रहण करते थे| ये लोग जानवरों का शिकार भी करते थे| कुछ प्रसिद्ध सभ्यता में हड़प्पा, मेसोपोटामिया आदि काफी प्रसिद्ध सभ्यता है| 

बहुत समय तक लोग नर्मदा नदी के तट पर रहा करते थे| वे लोग यहां रहकर यहां के संपदाओ का संरक्षण करते थे तथा वो शिकार भी करते थे हालाकि ये लोग यहां हमेशा नही रहते थे और समय समय पर अपना स्थान बदलते रहते थे|   

उत्तर- पश्चिम में स्थित सुलेमान एवम किरथर पहाड़ियों पर भी लोग रहते थे| यह लोग 8000 वर्ष पहले रहा करते थें इन्ही लोगो के द्वारा सबसे पहले यहां गेहूं व जौ की फसल उपजाई गई| इन्ही के समय से स्थाई जीवन का आरंभ होने लगा थे क्योंकि इन लोगो ने खेती की शुरुआत कर दी थी इसी के साथ ये लोग  गाय, भेड़-बकरी व बैल भी पालते थे| इनके एक स्थान पर रहने के कारण ही गांव का निर्माण भी शुरू हो गया था|  

पूर्वोत्तर की गाड़ो तथा मध्य भारत की विंध्य पहाड़ों पर धान की खेती शुरू करने का श्रेय इन्ही लोगो को जाता है।

सिंधु तथा इसकी सहायक नदियों के आसपास शुरुआती नगरों का  विकास लगभग 4700 वर्ष पूर्व का माना जाता है|

गंगा व सोन नदी के किनारे शुरुआती नगरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पूर्व से माना जाता है कुछ नगर सोन नदी के किनारे भी विकसित हुए तथा कुछ का विकास समुंद्री तट का आस – पास भी हुआ था| लोग यहां भी रहा करते थे| इसके आसपास के  क्षेत्र को प्राचीन समय में मगध के नाम से जाना जाता था जो की अपने समय का बहुत ही शक्तिशाली साम्राज्य था तथा इसके राजा भी काफी शक्तिशाली थे|

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सिन्धु नदी तथा इसकी सहायक नदियाँ 

सिंधु नदी के सहायक नदियों की बात की जाए तो इसकी 7 सहायक नदियां है इसमें सतलुज,व्यास, राबी, चेनाब, झेलम, चेनाब आदि है। काबुल नदी(अफगानिस्तान से पाकिस्तान) को छोड़कर बाकी सारी नदी भारत से पाकिस्तान जाती है|

लोग यात्राएँ क्यों करते हैं?

पुराने समय में एक ही स्थान पर समूहों के निवास करने एवं वहा के संसाधन सीमित होने के कारण लोग प्राय एक स्थान से दूसरे स्थान जाते थे इसके आलावा मानव मन की जिज्ञासा(कुछ नए वस्तुओ को खोजने की  तलाश में), नए अवसरों की तलाश(शिकार के लिए), भोजन व व्यापार इत्यादि की तलाश में भी लोग यात्रा करते थे हालाकि प्राचीन समय की यात्राएं बहुत की बाधापूर्ण होती थी परंतु समय के साथ यात्रा के साधन तथा सुविधाओ में सुधार होता चला गया|

तिथियों का क्या मतलब है?

जिस प्रकार से आज तिथियों की गणना होती है पुराने समय में प्राय इस प्रकार से तिथियों का हिसाब नही रखा जाता है|  आजकल तिथियों की गणना ईसाई प्रवर्तक (ईसा मसीह) के जन्म के बाद के वर्ष से  होती है अथार्थ जब हम कहते है की सन 2000 चल रहा है तो इसका अर्थ होता है इस मसीह के जन्म के बाद के 2000 वर्ष| ईसा मसीह के जन्म के पूर्व वर्षो को प्राय ईसा पूर्व(ई. पू.) के रूप में जाना जाता है इसमें हम जितना पीछे जाते जाएं वर्षो की संख्या उतनी ही बढ़ती जायेगी|

ई.पू. का अर्थ “ईसा पूर्व”

ए.डी. का अर्थ “एनो डोमिनी”

सी.ई. का अर्थ “कॉमन एरा”

बी. सी. ई. का अर्थ “बिफोर कॉमन एरा”

बी. पी. का अर्थ है “बिफोर प्रेजेंट”

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देश का नाम

इंडिया” शब्द इंडस से निकला है जिसे संस्कृत में सिंधु बोला जाता था| इरानियो व यूनानयो ने सिंधु को “हिंदोस” और इंडोस कहा एवं  इस नदी के पूर्व की भूमि को “इंडिया” कहा था।

भरत”(उत्तर पश्चिम में रहने वाले लोगो का समूह) के लिए होता था इस नाम का वर्णन ऋग्वेद(लगभग 3500 वर्ष पूर्व) में भी मिलता है बाद में इस शब्द का प्रयोग पूरे देश के लिए होने लगा था| 

अतीत के बारे में जानकारी के स्रोत 

इतिहास के लिखित श्रोतो के बारे में जानने के लिए हम पांडुलिपि व अभिलेखों का सहारा ले सकते है| 

पांडुलिपि:- ये प्राय हाथ से लिखी होने के कारण ताम्रपत्र तथा हिमालय में उगने वाली भुर्ज नामक पेड़ की छाल से तैयार भोजपत्रों पर लिखी जाती थी| इसमें राजा के जीवन, औषधि विज्ञान आदि की बाते लिखी जाती थी ये प्राय मंदिरों एवम विहारो में लिखी जाती थी| इनकी भाषा प्राय संस्कृत या प्राकृत होती थी| प्राकृत भाषा का प्रयोग आम लोगो के द्वारा किया जाता था| 

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अभिलेख: इस प्रकार के लेख पत्थर तथा धातु जैसे किसी कठोर सतह पर लिखे जाते थे| शासक तथा अन्य महत्वपूर्ण लोग  इस प्रकार के लेखों को छपवाते थे ताकि लोग उनके द्वारा बनाया नियमो को देख व पढ़ सके तथा इसका पालन कर सके| इसे लिखवाना बहुत ही खर्चीला था जिस कारण आम लोग इसे नही लिखवा पाते थे|

इतिहास को  जानने के लिए  हमारे पास लिखित श्रोत भी उपलब्ध है इसमें महाकाव्य(रामायण, महाभारत आदि), कविताएं तथा नाटक इत्यादि शामिल है| 

इनके भाषा प्राय संस्कृत, प्राकृत व तमिल होती थी| 

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पुरातात्विक साक्ष्य

इस प्रकार के अवशेषों में पत्थर ईट के बने इमारतों, चित्रों व मूर्तियों, तत्कालीन समय में इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तनों,मूर्तियों, आभूषणों, सिक्को व खिलौनों तथा मानव तथा अन्य जीव जंतुओं के हड्डियों के अवशेष आदि आते है जिसका अध्यन करके हम तत्कालीन समय के बारे में पता लगा सकते है| 

इतिहासकार(इतिहास का अध्ययन करने वाला) गहन अध्ययन करके इन पुरातात्विक श्रोतो से जानकारी जमा करते है तथा प्रमाणों, श्रोतो व अनुमान के आधार pr इतिहास के बारे में जानकारी जुटाते है| 

पूरातत्वविद:- ये वो लोग होते है जो तत्कालीन समय के समय की वस्तुओ व इमारतों के अवशेषों का  अध्ययन करके तत्कालीन समय के बारे में जानकारियां जुटाते है|

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अतीत एक या अनेक?

प्राचीन समय में भारत उपमहाद्वीप में बहुत से समुदायों के लोग रहते थे जिनके लिए जीवन के आयाम व जीवनशैली अलग अलग थी ( उदाहरण के लिए राजा- महाराजा का जीवन आम जनता के जीवन से बहुत अलग था| 

इसी के कारण राजा महाराजा तथा अन्य शक्तिशाली वर्ग अपने कार्यों तथा अन्य उपलब्धियों का लेखा जोखा रखते थे जबकि आम लोग इस प्रक्रिया के खर्चीले होने का कारण अपना लेखा- जोखा नही रखते थे| जिस कारण हम इन लोगो के बारे में नही जान पाते थे| 

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महत्वपूर्ण तिथियां 

कृषि का आरंभ (8000 वर्ष पूर्व)

सिंधु सभ्यता के प्रथम नगर(4700 वर्ष पहले)

गंगा नदी के(मगध का बड़ा राज्य) 2500 वर्ष पहले

Class 6 History Chapter 1 in Hindi PDF

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अगला अध्याय 2

इस अध्याय में मुख्य रूप से पाषाणकाल के बारे में बताया गया है जिसमे ये चर्चा की गई है कि उस समय के मानव ने कैसे तत्कालीन परिस्थितियों में अपने आप को ढाला था।

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Class 6 History Chapter 1 in Hindi (FAQs)

कक्षा 6 इतिहास अध्याय 1 का नाम क्या है?

कक्षा 6 इतिहास के अध्याय एक का नाम प्रारंभ‍िक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे? है|

इतिहास कक्षा 6 का अध्याय 1 क्या है?

इतिहास कक्षा 6 का अध्याय 1 “प्रारंभ‍िक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे?” है|

इतिहास कक्षा 6 अध्याय 1 का क्या नाम है?

इतिहास कक्षा 6 अध्याय 1 का नाम प्रारंभ‍िक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे? है|

कक्षा 6 के इतिहास में अध्याय 1 का नाम क्या है?

कक्षा 6 के इतिहास में अध्याय 1 का नाम (प्रारंभ‍िक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे?) है|

इतिहास कक्षा 6 में कितने अध्याय हैं?

कक्षा 6 में कुल दस(10) अध्याय है और हमारे द्वारा सभी को तैयार किया गया है|

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हमारी विशेषता:-

i).हमारे नोट्स में सरल भाषा का प्रयोग किया गया है|

(ii).हमारे द्वारा उपलब्ध नोट्स संक्षिप्त एवं पर्याप्त है|

(iii).नोट्स को लिखते समय मुख्य बिन्दुओ का ध्यान रखा गया है|

(iv).आप इन नोट्स के PDF को भी प्राप्त कर सकते है|

(v).हम आपके अध्धयन संबंधी सभी सवालों का जवाब देने के लिए सदैव तैयार है|

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इन सभी के अलावा हम मुख्य रूप से सभी सोशल मीडिया (Social Media ) प्लेटफार्म पर उपलब्ध है (@thehistoryvihar) जहां आप हमसे संपर्क कर सकते है हम आपके सभी सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे और यदि आपको हमारा कार्य अच्छा लगता है तो आप हमें वहॉ फॉलो भी कर सकते है इससे हमे अपने काम को और अच्छे से आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।

इस प्रकार से हमने इस लेख में class 6 history chapter 1 in hindi के बारे विस्तृत रूप से बताया गया जिससे आपको आपके अध्ययन में सुविधा मिलेगी और आपको इतिहास के विषय को और अच्छे से समझने में भी सहायता मिलेगी|  

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