यदि आप chapter 2 history class 6 in hindi(आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक) से संबंधित नोट्स व अन्य अध्ययन सामग्री को पढ़ना चाहते है तो आपको इस लेख में इस विषय से संबंधित बहुत अच्छी जानकारी मिलेगी|
Table of Contents
इतिहास को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जाता है प्रथम प्राचीन इसके बाद मध्यकालीन व इसके बाद का समय आधुनिक काल के रूप में जाना जाता है|
हमारे द्वारा इस लेख में ncert chapter 2 history class 6 in hindi notes को इस प्रकार उपलब्ध कराया गया है कि आपको संक्षिप्त में पूरी जानकारी मिल भी जाए और कोई महत्वपूर्ण विषय छूटे भी नही|
इसके अलावा हम अपने लेखों को समय- समय पर अद्यतन(update) भी करते रहेंगे ताकि आपको अच्छी से अच्छी जानकारियां उपलब्ध करवा सके।
Subject | इतिहास |
Class | 6 |
Book Name | हमारे अतीत -1 |
Total Chapters | 10 |
Chapter | अध्याय- 2 |
Chapter Name | आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक |
Language | हिंदी |
आप क्या सीखेंगे:-
- आखेटक संग्राहक का जीवन
- पाषाण काल
- जलवायु में बदलाव
- आग का आविष्कार
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विषयवस्तु:-
1. प्रारंभिक कथन : क्या, कब, कहाँ और कैसे?
2. आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक
3. आरंभिक नगर
4. क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें
5. राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य
6. नए प्रश्न नए विचार
7. राज्य से साम्राज्य
8. गाँव, शहर और व्यापार
9. नए साम्राज्य और राज्य
10. इमारतें, चित्र तथा किताबें
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NCERT History Class 6 इस पुस्तक में मुख्य रूप से प्राचीन भारतीय इतिहास के बारे में संक्षेप रूप मे बताया गया है| इसमें प्राचीन भारतीय इतिहास की एक भूमिका को उजागर करने का प्रयास किया गया है| इस पुस्तक में कुल बारह अध्याय है और हमारे द्वारा सभी पाठ के लिए नोट्स तैयार किये गए है।
पिछले अध्याय के बारे में :
इस अध्याय में प्राचीन भारत व इतिहास की एक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है इसमें प्राचीन भारत का परिचय दिया गया है। इसमें कुछ ऐसे शब्दो का भी प्रयोग किया गया है जो इतिहास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
Chapter 2 History Class 6 in Hindi Name
अध्याय 2
आरंभिक मानव की खोज में
प्रस्तावना
Chapter 2 History Class 6 Notes in Hindi
इस अध्याय में मुख्य रूप से पाषाणकाल के बारे में बताया गया है जिसमे ये चर्चा की गई है कि उस समय के मानव ने कैसे तत्कालीन परिस्थितियों में अपने आप को ढाला था।
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आरंभिक मानव के बारे में जानकारी के स्त्रोत:-
प्राचीन सभ्यता के लोग प्राय जिन वस्तुओ का इस्तेमाल अथवा निर्माण करते थे हालाकि उसमे से कई वस्तु समय के साथ नष्ट हो गई लेकिन फिर भी उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए बहुत सी वस्तुओ के अवशेष आज भी उपलब्ध है(पत्थर के औजार, तांबे व लोहे का बर्तन, आदि) जिसका अध्ययन करके पुरातत्वविद उनके बारे में जानकारी जमा करते है|
उपमहाद्वीप में 20 लाख वर्ष पूर्व आखेटक संग्राहक(भोजन की व्यवस्था करने के आधार पर ये नाम दिया गया) रहते थे| ये लोग जंगली जानवरों का शिकार करते थे| मछली व चिड़िया पकड़ते थे| फल, अंडे आदि जमा करते थे|
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वे इधर-उधर क्यों घूमते थे?
ये संग्राहक एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते थे| ये खानाबदोश की तरह रहते थे|
इनके घूमने के कई कारण थे: –
उस समय स्थाई जीवन का प्रचलन शुरू नही हुआ था और ये लोग समूहों और समुदायों में झुंड बनाकर रहते थे जिसके कारण एक ही जगह पर रहने से वहां के खाद्य संसाधन खत्म हो जाते थे| जिस वजह से इन्हें अपना स्थान बदलते रहना होता था।
दूसरा जानवर, चारे की तलाश में इधर- उधर जाते थे जिनके पीछे ये लोग भी जाते थे ताकि इन्हे भी अधिक से अधिक खाद्य संसाधनों की जानकारी मिल सके| तीसरा मौसम परिवर्तन के कारण, चौथा पानी की उपलब्धता के कारण(गर्मियों में नदी व तालाब का पानी सुख जाता था) जिस वजह से भी इन्हे अपना स्थान विवश होकर बदलना पड़ता था।
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पाषाण काल क्या है और इसका काल कब माना जाता है?
पुरास्थल: उस स्थान को कहा जाता है जहा प्राचीन काल के अवशेष(औजार,बर्तन,हड्डी,इमारत आदि) मिलते है|
पाषाण युग:-
प्राचीनकाल में मानव औजार बनाने के लिए पत्थरों का इस्तेमाल करता था जिस कारण से इस युग को पाषाण युग कहते है| वे पत्थरों के साथ-साथ हड्डियों का भी इस्तेमाल करते थे।
पूरापाषाण: ये दो शब्दो “पूरा” यानी प्राचीन तथा “पाषाण” यानी पत्थर से बना है| इस काल को तीन भागों में बांटा गया है|
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पूरापाषाण काल के तीन भाग
“आरंभिक”, “मध्य” व “उत्तर” पूरापाषाण काल| मानव इतिहास का सबसे लंबा काल| मानव इतिहास की ज्यादातर कालक्रम इसी काल में हुई है।
पूरापाषाण काल: 2000000- 12000 वर्ष पूर्व(औजार बड़े और असुदृध हुआ करते थे)
मध्यपाषाण(मेसोलिथ)काल: 12000- 10000 वर्ष पूर्व- जलवायु में परिवर्तन इसी काल में हुआ| औजार छोटे होते थे जिसे “माइक्रोलिथ” कहा जाता था|
नवपाषाण काल: 10000 साल पहले के बाद का समय(औजार छोटे और सुदृढ़ बनने लगे)| चावल, दलहन तथा गेहूं जैसे फसल अब महत्वपूर्ण हो गए थे| क्योंकि ये एक तो प्राकृतिक रूप से उगने लगे थे दूसरा इसके उपजाने की विधि के बारे में उस समय के लोगो ने सीख भी लिया था।
इसके अलावा औजार बनाने के लिए लकड़ियों और हड्डियों का भी इस्तेमाल किया जाता था| इस समय के पुरास्थल से कई प्रकार के मिट्टी के बर्तन भी मिले है। जिसका उपयोग उस समय के लोगो द्वारा विभिन्न प्रयोजन के लिए किया जाता था।
जहां लोग पत्थरो के औजार बनाते थे वे स्थान उद्योग स्थल कहलाते थे|
औजारो का इस्तेमाल:-
- मास काटने के लिए
- पेड़ की छाल व जानवरों की चमड़ी उतारने के लिए
- फल आदि काटने के लिए
- इनका इस्तेमाल कुल्हाड़ी तथा हथौड़ी के रूप में करने के लिए
औज़ार निर्माण की दो विधियां थी एक मे पत्थर से पत्थर को टकराकर| दूसरी विधि थी दबाव शल्क तकनीक इसमें पत्थर को एक स्थिर सतह पर टिकाकर इस पर हड्डी या पत्थर रखकर हथौड़ीनुमा पत्थर से शल्क(मुख्य औज़ार) निकाला जाता था|
इतिहास कक्षा 6 पाठ 2
खेती और पशुपालन की शुरुआत
लगभग 12000 वर्ष पहले पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन जिसमें गर्मी बढ़ी इसके घास के मैदानों में वृद्धि हुई, शाकाहारी जानवरो(हिरण, बारहसिंघा, भेड़ ,बकरी, गाय) की संख्या में वृद्धि हुई| प्राकृतिक रूप से गेहूं व जौ उगने लगे थे|सबसे पहले कुत्ते को पालतू पशु बनाया गया|
शाकाहारी जानवरों की संख्या में वृद्धि के कारण लोग इनके खाने पीने की आदत व प्रजनन आदि के बारे में जान गए| क्योंकि इसके दो मुख्य फायदे थे एक तो वो इनका मांस(अन्य जानवरों का मांस वो पहले भी प्रयोग कर रहे थे) दूसरा अब उन्हें इन जानवरों से दूध भी मिलने लगा।
इसी समय मछली भी भोजन का प्रमुख श्रोत बन गई थी|
इसी के साथ लोगो को फसलों के बारे में जानकारी मिली और बाद में अपने आप से ही इन फसलों को उपजाना शुरू कर दिया और धीरे वो लोग कृषक बन गए|
जब लोग कृषक बने तो उन्हे एक ही जगह पर रहना अनिवार्य हो गया तथा अनाज को बीज और भोजन के रूप में भी रखना पड़ा जिसके लिए लोगो ने मिट्टी के बर्तन तथा टोकरिया आदि बनाई|
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अनाज का उपयोग:-
- बीज के रूप में
- खाने के रूप में
- किसी को उपहार देने के लिए
- भंडारण के रूप में
प्रारंभिक पशुपालक व कृषक के प्रमाण:-
बुर्जहोम(कश्मीर): यहां लोग गड्ढों के नीचे भी घर बनाकर रहते थे जिसे गर्तवास कहा जाता था| मौसम के अनुसार इनमे रहते थे|
मेहरगढ़(पाकिस्तान):बस्ती का आरंभ(8000 वर्ष पूर्व) ईरान जाने के लिए महत्वपूर्ण रास्ता| बोलन दर्रे के पास हरा- भरा समतल स्थल था| यहां के लोगो ने सबसे पहले गेहूं व जौ को उपजाया तथा गाय व बकरी पालन सीखा|
यहा कब्रों के साथ- साथ समानो को भी दफनाया जाता था शायद इन लोगो का पुनर्जन्म में विश्वास हो(मानव के साथ एक बकरी को दफनाने के प्रमाण)|
नव पाषाण पुरास्थल:- चिरांद(बिहार), कोलडीहवा(मध्यप्रदेश), दाओजली(असम), बुर्जहोम|
महापाषाण पुरास्थल:- ब्रह्मगिरी, आदिचन्नूर
आरंभिक गांव:- इनामगांव
भीमबेटका(नर्मदा घाटी के पास): मध्यप्रदेश के इस पुरास्थल पर गुफाएं व कंदराए मिली है| ये स्थान नर्मदा घाटी के पास है|
मध्य प्रदेश व दक्षिण उत्तर प्रदेश में गुफा चित्रो की प्राप्ति हुई है|
कुरनूल गुफा से राख के अवशेष की प्राप्ति हुई है| इसका उपयोग प्राचीन समय में लोगो के द्वारा प्रकाश के लिए, जानवरों को डराने- भगाने के लिए, मास आदि पकाने के लिए किया जाता था|
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कुछ महत्वपूर्ण तिथियां:-
- मध्यपाषाण युग:- 12000- 10000 वर्ष पूर्व
- स्थाई जीवन का प्रारंभ:- लगभग 12000 वर्ष पहले
- नवपाषाण युग:- 10000 वर्ष पूर्व
- बस्ती का आरंभ(मेहरगढ़):- लगभग 8000 वर्ष पूर्व
Chapter 2 History Class 6 in Hindi PDF
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अगला अध्याय 3
इस अध्याय में नवपाषाण काल के बारे में बताया गया है कि कैसे नवपाषाण काल मे लोगो ने कृषि की शुरुआत की जिसके कारण वो एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहने लगे थे।
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Chapter 2 History Class 6 in Hindi FAQs
इतिहास कक्षा 6 में कितने अध्याय हैं?
कक्षा 6 में कुल दस(10) अध्याय है और हमारे द्वारा सभी को तैयार किया गया है|
कक्षा 6 इतिहास अध्याय 2 का नाम क्या है?
कक्षा 6 इतिहास के अध्याय 2 का नाम आरंभिक मानव की खोज में है|
इतिहास कक्षा 6 का अध्याय 2 क्या है?
इतिहास कक्षा 6 का अध्याय 2 “आरंभिक मानव की खोज में” है|
इतिहास कक्षा 6 अध्याय दो का क्या नाम है?
इतिहास कक्षा 6 अध्याय 2 का नाम ‘आरंभिक मानव की खोज में ‘ है|
कक्षा 6 के इतिहास में अध्याय 2 का नाम क्या है?
कक्षा 6 के इतिहास में अध्याय 2 का नाम (आरंभिक मानव की खोज में) है|
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हमारी विशेषता:-
1.हमारे नोट्स में सरल भाषा का प्रयोग किया गया है|
2.हमारे द्वारा उपलब्ध नोट्स संक्षिप्त एवं पर्याप्त है|
3.नोट्स को लिखते समय मुख्य बिन्दुओ का धयान रखा गया है|
4.आप इन नोट्स के PDF को भी प्राप्त कर सकते है|
5.हम आपके अध्धयन संबंधी सभी सवालों का जवाब देने के लिए सदैव तैयार है|
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इस प्रकार से हमने इस लेख में chapter 2 history class 6 in hindi के बारे विस्तृत रूप से बताया गया जिससे आपको आपके अध्ययन में सुविधा मिलेगी और आपको इतिहास के विषय को और अच्छे से समझने में भी सहायता मिलेगी|